सच्चाई का लेकर शस्त्र और अहिंसा का लेकर अस्त्र, तूने अपना देश बचाया गौरों को था दूर भगाया, दुश्मन को भी प्यार दिया मानव पर उपकार किया, गाँधी करते तुझे नमन तुम्हें चढ़ाते प्रेम सुमन।